“नेहरू को किताबों से, भाषणों से मिटाया जा सकता है, देश से कभी नहीं...”
◆ संसद में कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने कहा
संसद में कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला कहां पहले राजा भेस बदलते थे। जनता के बीच जाते थे। देखते थे कोई दुख तो नहीं। मेरे बारे में क्या कहते हैं।
भेस बदलने का शौक तो आज के शासक को भी है मगर जनता का दुख जानने नहीं जाते। आलोचना तो सुनते ही नहीं हैं।
प्रियंका गांधी लोकसभा में अपनी पहली स्पीच में कहा।
आगे प्रियंका गांधी ने कहा जहां जहां भाईचारा और अपनापन होता था, वहां घृणा और शक के बीज बोए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री सदन में संविधान को माथे पर लगाते हैं, लेकिन...
जब संभल, हाथरस और मणिपुर में न्याय की गुहार उठती है तो उनके माथे पर शिकन नहीं आती।
जिस मोहब्बत की दुकान पर सरकार के लोगों को हंसी आती है, उसके साथ देश के करोड़ों लोग चले।
मैं सदन को याद दिलाना चाहती हूं कि ऐसा डर का माहौल देश में अंग्रेजों के राज में था।
जब इस तरफ बैठे हुए गांधी जी की विचारधारा वाले लोग आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, तो उस तरफ की विचारधारा वाले लोग अंग्रेजों के साथ साठगांठ कर रहे थे।
लेकिन भय का भी अपना एक स्वभाव होता है। भय फैलाने वाले खुद भय का शिकार बन जाते हैं। यही प्रकृति का नियम है।
आज भय फैलाने वाले खुद भय में रहने लगे हैं। ये चर्चा से डरते हैं, आलोचना से घबराते हैं।
हम कई दिनों से चर्चा की मांग कर रहे हैं, लेकिन इनमें चर्चा करने की हिम्मत नहीं है।